क्या बताऊ आपको, उसकी कैसी बर्बादी हो गयी
जब से मेरे दोस्त की शादी हो गयी
अधमरा सा दीखता है जैसे लुटा-लुटा सा
बावरा सा फिरता है जैसे कोई पीटा - पीटा सा
अनमना सा चलता ऐसे जैसे कही खोया हुआ सा
बातो में नमी ऐसे जैसे रोया-रोया हुआ सा
लगता है उसकी तबियत अब आधी हो गयी
जब से मेरे दोस्त की शादी हो गयी
शेर सा दहाड़ था, सनी देवल सा वो यार था
गर्दिश हो कितनी भी वो रहता तैयार था
लोहे के खान का अब दोहन हो गया
मेरे 56 इंच का नरेंद्र अब मनमोहन हो गया
क्या माँ से, क्या बाप से, कुछ कह सकता नहीं अपने आप से
गुलाम हुआ वो ऐसा, मुकर सकता नहीं जोरू की किसी बात से
लगता है उसकी पूरी आजादी खो गयी
जब से मेरे दोस्त की शादी हो गयी
यारों की मंडली में वो हरदम फंसता था
खर्चा भी करता था फिर भी हँसता था
पार्टी करता, मौज मनाता, दोस्तों संग क्या रंग जमाता
पूरा विजय माल्या था वो, अब सुब्रत रॉय सहारा हो गया
नीरव मोदी की तरह गायब है, महफ़िल का बेचारा हो गया
लगता है रेशम की डोर अब खादी हो गयी
जब से मेरे दोस्त की शादी हो गयी
जो हर शहर, हर हाट-बाजार घूमता रहता था
भँवरे जैसा यहाँ वहां उड़ता-फिरता था
माली ने अब पंख क़तर दी, ख़तम उसकी कहानी है
अपने ही घर में लाचार-बेबश जैसे भाजपा में आडवाणी है
बन गया है पालतू वो बंधा हुआ जंजीर में
अमावश के उस चाँद का दर्शन, कल किश्मत से हुआ एक मंदिर में
मैंने कहा क्या मदिर -मंदिर भटक रहा तू सैर -सपाटा कर
नयी-नयी शादी है तेरी मीठी आहें भर
बोलै भैया आहें ही भर रहा हाँ दर्द वाली हर रोज रहा
सुना है जोड़े भगवन बनाता बस उसी को मै खोज रहा
लगता है उसकी हरी-भरी जिंदगी अब रेगिस्तान की वादी हो गयी
जब से मेरे दोस्त की शादी हो गयी